मन्ही बहिना बहिना खान्देशी अहिरानी बोली भाषेतील कविता
मन्ही बहिना बहिना खान्देशी अहिरानी बोली भाषेतील कविता मन्ही बहिना बहिना माले इना अभिमान इना सारखं वं कोठे नही देखायनं गानं॥धृ॥मन माले बहिनानीआसं दिन्हं वं आंदनतिन्हा गत नही पन मीबी उगायं चंदन॥१॥मन मन्ही बहिनानंजसं सोनानं वं नानंतिन्हा गत नही पन माले सुचनं वं गानं॥२॥गानं मन्ही बहिनानंकाय सांगू वं देखनंतिन्हा गत नही पन लिखं मीबी वं … Read more