आज आखाजी से सुनी अहिरानी बोली भाषा कविता

आखाजी

khandeshi ahirani language akhaji poetry

अहिरानी खान्देशी बोली भाषा

अहिरानी खान्देशी बोली भाषा

अहिरानी खान्देशी बोली भाषा

अहिराणी भाषा कविता बहिणाई

अहिराणी भाषा कविता

अहिराणी भाषा कविता बहिणाई              नही इसरता येतसांगी गयी बहिणाई मन जसं का खाकसंआभायम्हा बी म्हायेना              मन आसं मन तसं॥धृ॥मन कसं मन कसं काय सांगू यानी बातदिन काय आपुरीच             पडी सांगाले व रात॥१॥मन्हा संगे निभस वंयानं जलमनं नातंसुख काय दुखम्हा बी              नही सोडस व साथ॥२॥असा भेटता मैतर काय चिंता नि से बातहिरा जडसं सोनाम्हा … Read more