Ahirani Article Poem टोचे सवसारनां काटा
Ahirani Article Poem टोचे सवसारनां काटा “काटा येची टुची नाकं मोडत ऱ्हावो सवारी सुवारी रस्ते हयाती निंघी जावो…! काटाया सवासारनां कोनी लागना रें नांदे काटायें राजमहाले भोयी सीतामाय नांदे..! सवसार से काटा आंग डोयावरी धोये आंसू रंगतनीं मया भरे काटासनी खोय..! रोज चाली काटावर पाय बधीर तो व्हये मन बेजार रें झायें मासा आडकना गये..!” … Read more