ahirani kavita अहिरानी कवीता राम

ahirani kavita अहिरानी कवीता राम

अहिरानी कविता राम

राम

जो गायी घाम ,तेले भेटी राम ll ध्रु ll
फुकट ना धनवर
नजर नको ठेवू,
दुसरानी इस्टेट वर
ढूक नको ठेवू;
मेहनत करिसनी कर नेकीं न काम,
जो गायी घाम ,तेले भेटी राम ll१ll

रातोरात श्रीमंत
नही व्हस कोणीज;
लोभ नी दलदल मा
फस्तस अज्ञानी;
मोठ सप्पन देखीसनी
करु नको खोट काम
स्वार्थ ना बजार मां नको इकु ईमान
जो गायी घाम तेले भेटी राम! Il२ll

आपली जसी फाय फाय
तशी दुनिया नी से,
प्रत्येक न ढुंगणवर ठीगय से;
नको कोनले फसाडू 
नको कोनले लुबाडू
हराम नी कमाई मां नहीं से राम
जो गायी घाम तेले भेटी राम ll३ll

कवी – सुधाकर भामरे, बडोदे गुजरात

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