Ahirani boli kavita अतिक्रमण

Ahirani boli kavita अतिक्रमण

Ahirani kavita
अतिक्रमण

कुठे टाकू आंगण मा खाट

गल्या होईग्यात दाट
कुठे टाकू आंगण मा खाट
व माय,, टाकू कुठे खाट

इतल पुढे नका बांधा
बैल गाड घुसाना होईग्यात वांधा

दिनभर करतस राम नाम
आंगण मा वाढावतस बांधकाम
नुसता हेवा दावा करतस
वरताई आंगणमा दगडे ठेवतस

दिनभर करतस हरीहरी
माज आंगणमा बांदतस मोरी
तेसनी देखो दादागिरी

गावोगावनि हाई कहाणी
जोतो करस मनमानी
कोण येसले आते नडी

ahirani boli kavita
ahirani boli kavita


लग्नना मंडप का दाभावर टाकना पडी
भजन कीर्तन खयामा ठेवण पडी

गलीमा देतस खाटा टाकी
घर माई देखतस वाकी वाकी,
काय नालाईक पणा धरा
नय येवावर आंगणमा लावंतस धुरा

कितलं सांगो घडीघडी
सार सामान का डोकावर सुकाडना पडी,
गावेगाव सेतस आढावू
गटार मा दगडे टाकतस भाऊ

पहीले गावमा घुसे कपासींनी गाडी
आते जातं नहीं बैंल गाडी,

कोणले बोलामा नही बढाई
सर्वासनी लेलंसे वाढाई,,
चालाले राहावं नहीं जागा
काय करणं से सांगा