लागनी ahirani kavita
लागनी ahirani kavita सातव अहिराणी कवी संमेलन साठे मनी स्वरचित कविता:- लागनी जेन्ह ऱ्हास तेलेज कयस,चुल्हा न लाकूड चुल्हा माज बयस। दुनिया भले वैरी कर,घरना लोकेसना संगरो कर।येय उनी ते तेसन प्रीम आपले कयसचुल्हा न लाकूड चुल्हा माज बयस। दुनिया भले तु फिरी ईसी,टेल टपोऱ्या करी ईसी।ध्यान ठेव बाप्या,घरनासना पोटमाज तु बयस,चुल्हा न लाकूड चुल्हा … Read more