अहिराणी कवीता माय बाप

अहिराणी कवीता माय बाप

माय -बाप

बाप वावरना मेंड,
माय घरनी हो मेर,
बाप वख्खरना दांड,
माय रुमन नि दार.१

बाप शिवारना राजा
माय सौसारनी रानी
बाप नयी वाजा गाजा
माय राहे ध्यानी मनी.२

बाप घरना देव्हारा
माय तठनी समई
बाप दुन्याना सहारा,
माय दोरानी हो सुई.३

बापना हातम्हा काठी,
माय समाये लाटन,
बाप समदास्ना पाठी,
माय पिरीम निधान.४

बाप सरय धोपट,
माय खोल से इच्चार,
बाप जरी चूके वाट,
माय व्हडस जोजार.५

बाप जसा देव ईठा,
माय रखुमाई देवी,
बाप भाग्य नयी तोटा,
माय साखरनी पुयी.६

रचनाकार
मझिसु-प्राचार्य मगन सुर्यवंशी
डोंबिवली