माय अहिराणी

माय अहिराणी

सातव अखिल भारतीय साहित्य संमेलनसाठे कविता

माय अहिराणी

मनी माय अहिराणी
सर्व भाषासनी राणी.
झिरा अमृतनी कुपी
करस हिरदन पाणी.

मनी भाषा अहिराणी
माले जीवथाई प्यारी.
साधी भोयी भाषा मनी
जग दुन्यामा व न्यारी

अहिराणी भाषा मनी
मना मान अभिमान.
मनी अहिराणीना गत
भाषा नही जगमान

मनी अहिराणी भाषाना
न्यारा रूबाब लहेजा.
भाषा बोलता ऐकता
तृप्त व्हसना कलेजा.

मन्ह  सांगणं तुम्हले
हातपाय जोडी नमस्कार.
बोला  आते अहिराणी
नको मायना तिरस्कार.

खानदेशी भाग्यवान
भाषा मनी अहिराणी‌ .
सात समुद्रना पार
बहिणाई प्रसिद्ध मनी.

कुसूम चौधरी दोंडाईचा.

अहिराणी कविता
अहिराणी कविता माय