Khandeshi Ahirani Kavita खान्देसनी से मी नारी
Khandeshi Ahirani Kavita खान्देसनी से मी नारी खान्देशी अहिराणी कविता खान्देसनी से मी नारी मन्हा चव से हातले जसा फुलसं मोगरा आसा रांधस भातले॥धृ॥ राई जिरानी फोडनी देस चुल्हानी कढीले देखा लागस सवाद थाटी वाढता घडीले॥१॥ एक डाव खाई देखा कयनानी भाकरीले चवं सोदा जबानले … Read more