अहिराणीत रामायणाचे सात कांड
अहिराणीत रामायणाचे सात कांड
अहिराणीती रामायण काण्ड,रामायनना सात कांडम्हा काय शे!
रामायनना सात कांडम्हा काय शे!
बालकांड
बालकांड
सखे सयी बैन आपू रामायन समजी घेवूत
चाल आयध्याम्हा म्हाराज दसरथ दखूत।१।
तिन रान्या शेत तरी वंस येलले ना लागे।
दसरथ करे इचार नी रात रात जागे।२।
वसिष्टनी सांग तो पुत्रकामेस्टी यग्य करे।
तिठून निंघे देव मानोस हाते परसाद धरे।३।
घिदा इस्नूनी आवतार वुना कौसल्या पोटे।
दसरथ म्हने राम चाल धरी मन्हा बोटे।४।
आयध्याम्हा यिस इस्वामित्र मांगे राम लखन।
आरे दसरथ यग्यम्हा दैत आनस इघन।५।
चारीमेर नेम चित धरे लक्सूमन राम।
मारे ताटक,सुबाहू नी दैतस्न जये काम।६।
राम निंघे पन जिकाले जनकनी मिथेला।
भेटे जानकी गुनवान राम न्हयी येखला।७।
वाल्मिक ऋषी यास्नी घिदा टाक-बोरूले हाते।
लिही काढा बालकांड चितमन लाई वाचा ते।८।
काशीकन्या
आयध्या कांड
आयध्या कांड:-
लखन,भरत,सतृघन यास्न जये लगिन।
भारी आयध्या सजनी न्हयी कथ वं इघन।१।
सम्दी आबादानी लागी गये सौसारले गाडी।
बटकी मंथरानी ते बट्ठ दिध फिसकाडी।२।
म्हाराजनी देल कैकयी मांगस दोन वर।
राम धाड वनवासे भरतले राजा कर।३।
म्हने पाय मी पडस दसरथ सोडे धीर।
सराप पुरा कया, राम राम म्हनी गया वर।४।
वच्यन निभाडे राम संगे सीता, लक्सूमन।
सुनी सुनकार आयध्याले इचारेना कोन।५।
मामाबाग जायेल भरत दौडतज वुना।
लाये दोसन मायले दादा मन्हा काय गुन्हा।६।
रामस्ले भेटीन भरत ल्हयी वुना पादुका।
राजगादीवर ठिन दुरथी दखे नेमका।७।
बाईस्ना बोभाटा दसरथस्नी परजा भारी।
वाल्मिक म्हने आयध्याकांड ध्याने धर नारी।८।
काशीकन्या
आरूने कांड
आरूने कांड––
येक वचनी रामचंदनी नेसात वल्कले।
सीता लक्सूमनले पाहीस जीव कलकले।१।
सकवार सीता राम संगे फिरे वने वने।
आहेल्याले उद्धारीन गन दैत मारात म्हने।२।
बहू कटक्साम्हा सुपरनखासंगे गाठ पडी।
राम मासंगे कर लगीन सौसारनी बठी घडी।३।
येक धरम साठे दिध वैरीले आवतन।
तिन्हा कान,नाक खांडी खतम खर,दुसन।४।
जया आपेमान बातमी पवचे रावनले।
उकसाये बैन्ह म्हने सीता सोभयी रे लंकाले।५।
रावनना कटम्हा मामा मारीच बने हारीन।
लखन ध्यान दिस मी याले ते येस मारीन।६।
सीताना बोलेल लक्सूमन वढी गया रेघ।
सीता उखली घी ग्या रावन दख रडना मेघ।७।
हारेल सीताले सोडी लंकाना आसोक वने।
आरूने कांड काय शे जानी घ्या वाल्मिक म्हने।८।
काशीकन्या
किस्किंधा कांड
किस्किंधा कांड:—-
सीता सापडे ना म्हनी राम जया भितूभितू।
दोन्ही भाऊस्नी व्हती येकजूग न्हयी मी तू।१।
लाड कोडना लाडाते फिरनात वने वन।
यक्स उद्धारना सांगे जायजा सुग्रीवपन।२।
किस्किंधा नगरीम्हा भाऊ सुग्रीव आनी वाली ।
चित्रकूटवर भक्त मारोतीनी भेट घाली।३।
वाली पुशी काढा मंग वना सुग्री बू कामात।
वाली पक्का वैरी व्हता त्यानी उखाडी कनात।४।
समदिर वलांडी मारोती निंघे घिसन मुंदी।
लाया सीताना तपास वुना रावनले खुंदी।५।
समदा मिळीसन लंकालोंग सेतू बांधा।
बिलोंडीन काम प रावनना जयात वांधा।६।
पाय टेका लंकाम्हा नी सीताले हारिक जया।
राम वनात घेवाले नी वैरी तु आते गया।७।
सत्ता हिंदावाना गुंते भाऊ भाऊले व्हयेना।
वाल्मिकस्ना किस्किंधाकांड धरज्यात ध्यानना।८।
काशीकन्या
सुंदर कांड
सुंदर कांड:––
वांडरेस्ना राजा व्हता नाव त्यान्ह जी केसरी।
सुमेरूवर आंजनी त्यास्नी वशेल नगरी।१।
चैतनी पुनीले आंजनीले जया वं आंडोर।
केसरी म्हने आचपळ जीवले लाये घोर।२।
खंचडाज भारी दोन रोजना व्हता मारोती।
सूर्ये लाल फळ नी खावाले उडस वरती।३।
उलसज पोर वज्र लागन वं इंदरन।
त्यानी तुटनी दाढी म्हनीन नाव हानुमान।४।
परभूना दास मारोती रूद्रना आवतार।
परभू रामना भारी जीव त्यान्हा भक्तवर।५।
आस्सा मारोती राया समदा दुखेसनी दवा।
शिलगायी वुना लंका त्यान्हा परवडे ना हेवा।६।
धा तोंड्या रावनले भारी शिकानपन लाये।
आंजनीना लाडेसरले ते चिरंजीव कये।७।
म्हादेवना आवतार हानुमान बलवान।
ऋषी म्हने सुंदरकांड नी बोला हानुमान ।८।
काशीकन्या
युद्ध कांड
युद्ध कांड:—
समजाडी थकनात समदास्नी टेका हात।
सुनबय्हरा रावन मानेना व कोन्ही बात।१।
जे व्हयी ते व्हयी सरते लाग लढाईले तोंड।
मरेत रथी,म्हारथी रामनी कोन्ले नै सोड।२।
लखनना बान इंद्रजितले खेच मरननी।
रावननी लंकाम्हा रोज ढनेस्नी पडे धुनी।३।
दैत,दावन ते सम्दाज खयडी पुसायना।
बेबींम्हा सोडा बान नी रावन कलथायना।४।
जयी मंडधर रांडकी व्हयनी ती लंका।
चांगल जबून आयकवा ना करवा जी हेका।५।
गरवन घर खाली,वैरीना मातज जिराया।
पापीस्ले हावू दंड राम शिकानपन लायी गया।६।
आसा आंत व्हस कोन्हीज गर्वायी जावू नका।
खाली हात जाशी,खराले समदा शेत वाली ह।७।
सत्य जिकी वना राम आयध्या सोदे खुशाली
युद्धकांड म्हने रावनले मी नी लाये निकाली ।८।
काशीकन्या
उत्तर कांड
उत्तर कांड:––
पाक,पवतीर सीतानी जयी आग्नी परक्सा।
समदी दुन्यानी पाही तिन्हा पाकनी आपक्सा।१।
सम्द जथ तथ सुखे समानेज निपटन।
राम मांघे थोबीनी आशे उठाड धुपटन।२।
करे वतवाया राम लोकलाजले भ्यायना।
दोनदिशी सीताले दोस,देर वने सोडी वुना।३।
वाल्मिकना आस्रम्हा सीताले आंडोर जयात।
बेलकर लवकुस ऋषीनी वाडे लायात।४।
आखी सरतले राम ते सीताले बल्हावस
परक्सा देत सीता भूईना पोटम्हान जास।५।
आयध्याम्हा आते समदा रांकले लागनात।
परभू इस्नूना आवतार म्हने नीट वागज्यात।६।
सम्द खर पन जिठे सुरू शे ते बी सरस।
बागे बागे ग्यात सोडी कोन्ह कोन्ले ना पुरस।७।
येक वच्यनी येक पत्नी राम रामायन भारी।
ऋषी म्हने उत्तरकांड आयका
लवकुस तोंडेवरी।८।
काशीकन्या