संत तुकाराम अहिरानी अंभग रचना 

अहिरानी अंभग रचना 

शीर्षक -संत तुकाराम
अंभग रचना  अहिरानी

संत तुकाराम | रचात अंभग |
झाये मन दंग | ह्रिदयमा ॥१॥

इंद्रायणी तप | करोनी अंतरी
खरा सेवकरी | विठ्ठलना ॥२॥

किर्तनची सेवा | घडनी व्दापार |
संतना जागर | पंढरीमा ॥३॥

एकनिष्ठ भाव | भेटना शिवबा |
तुम्हीच तुकोबा | बोलनात ॥४॥

देहू नगरीमा | वैष्णव जमल |
विठ्ठलना बोल | मुखवाटे ॥५॥

टाय चिपळ्या रे | नाद मृदंगना ॥
सोहळा भक्तिना | पालखीले ॥६।

बोला रे विठ्ठल | देखा रे विठ्ठल |
एक मुखी बोल | पांडुरंग ॥७॥

तुन्हा आशिर्वाद | र्हावो मजवर |
श्रध्दा तुन्हावर | मनोभावे ॥८॥

Psi विनोद बी.सोनवणे (धुळे)
            दिनांक =३०-०६-२०२४

अहिराणी बोली अभंग रचना
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