अहिराणी बोली अभंग रचना

अहिराणी बोली अभंग रचना

विषय =अभंग रचना अहिराणी
शीर्षक = पांडुरंग…

राहो मज वर | तुना आशिर्वाद ॥
वारीना सवांद | घडोनिया ॥१॥

आस लागे मने | तुना दर्शनले ॥
ऊभा लाईनले | सतमार्गी ॥२॥

नित्य नेम चाले | वाट पंढरनी ॥
प्रार्थना भक्तनी | पांडुरंग ॥३॥

भेट होई देवा | पायी चालतांना ॥
मुखे बोलतांना | रामकृष्ण ॥४॥

हरी मुखे म्हणा | बोल विठ्ठलना ॥
बोल ह्या सत्याना | ह्रदयमा ॥५॥

कृपा दृष्टी राहो | तुनी मन्हावर ॥
भक्त ध्यानवर |  पंढरीना ॥६॥

विठेवर ऊभा | राणा पंढरीना ॥
हरी व्दारकाना |  सर्वासना ॥७॥

भोग हाई फय | कर्म ध्येयवर ॥
तुले रे आवर | संकटमा ॥८॥

मनी गोड लागे  | वारी पंढरीना॥
माथा ठेवा तुना |  पायवर ॥९॥

Psi विनोद बी.सोनवणे (धुळे)
            दिनांक =२५-०६-२०२४